Umfang 240 seiten
Über das Buch
अचानक हेंग ली को एक अजीब सा एहसास होने लगा, तो वह एक स्थानीय ओझा से मिलने गया, जो उसकी आंटी भी लगती थी। उसने कुछ जाचें कीं और परिणाम निकाला कि हेंग में खून ही नहीं है, लेकिन वह यह उसके परिवार को कैसे बताएगी, और वे इस बारे में क्या करेंगे?
हेंग ली लाओस से काफी नजदीक, उत्तरी थाईलैंड के चियांग राई के उत्तर-पूर्वी सुदूर पहाड़ों में एक चरवाहा है। यह एक घने बुना हुआ समाज है, जहां हर कोई एक दूसरे को जानता है। अचानक हेंग बीमार हो जाता है, लेकिन इतना बीमार नहीं कि अपनी बकरियों को बाहर न ले जा सके, जब तक कि एक दिन वह स्थानीय ओझा से मिलने नहीं जाता है, क्योंकि उसे मूर्च्छा आने लगी थी। उस क्षेत्र में मेडिकल डक्टर नहीं हैं, और सदियों से यहा के अधिकतर लोगों के लिए ओझा ही पर्याप्त रहा है। ओझा कुछ नमूने लेती है और इस नतीजे पर पहुचती है कि हेंग के गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया है और उसके पास जीने के लिए बहुत थोड़ा सा समय बचा है। हेंग की ज़िंदगी बचाने की जंग जारी है, लेकिन और भी शक्तिया काम पर लगी हैं। अगर हेंग ओझा की सलाह लेगा का तो उसका, उसके परिवार का और बाक़ी समाज का क्या होगा?